Osian MLA Bheraram Seol: ओसियां विधायक भैराराम सियोल का सीबीआई चार्जशीट के मामले में बयान सामने आया है| जिसमें उन्होंने कहा है कि सीबीआई कोर्ट में दर्ज दो दशक पुराने मामले में मेरा सीधा कोई लेना-देना भी नहीं है| उक्त प्रकरण की जानकारी मैंने मेरे नॉमिनेशन नामांकन फॉर्म के शपथ पत्र में दे रखी है| उक्त प्रकरण के बारे में निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार अलग से विज्ञापनों द्वारा जनहित में प्रकाशित व प्रसारित कर चुका हूं| इसके साथ ही गुजरात हाई कोर्ट से स्टे भी मिल रखा है|
भाजपा विधायक ने आगे कहा कि जब मामला न्यायालय में विचाराधीन है, ज्यादा कुछ कहना उचित नहीं समझता| लेकिन इस वक्त विपक्षी पार्टी के लोग जानबूझकर प्रायोजित तरीके से षड्यंत्र के तहत इस मामले को बेवजह तूल दे रहे हैं| मुझे न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है| उन्होंने आगे कहा कि कुछ महत्वाकांक्षी राजनैतिक विरोधी माइलेज के चक्कर में प्रोपेगेंडा के तहत छवि को धूमिल करने के लिए बढ़ा चढ़ाकर पेश कर रहे हैं| जनता मेरे बारे में अच्छी तरीके से जानती है| मेरा राजनीतिक जीवन बेदाग रहा है आगे भी मेरी साफ छवि की जीवन यात्रा जारी रहेगी| भाजपा को मिले जनादेश के बाद विरोधियों में भारी बौखलाहट है विपक्षियों के मंसूबे कभी कामयाब नहीं होंगे|
जानिए क्या है पूरा मामला
राजस्थान में कांग्रेस की फायरब्रांड नेता दिव्या मदेरणा को हराने वाले भाजपा विधायक भैराराम सियोल पर करोड़ों रुपए के घपले के आरोप की खबर शनिवार को सामने आई थी| खबर के अनुसार इस मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने कोर्ट में चार्जशीट पेश कर दी है| लेकिन अब विधायक ने बताया कि यह मामला पुराना है| जिसमें हाईकोर्ट से स्टे मिल चुका है| मिली जानकारी के अनुसार सिक्योरिटी गार्ड के ठेके में गबन के मामले में सीबीआई एसीबी गांधीनगर द्वारा चार अलग-अलग एफआईआर दर्ज कर अनुसंधान किया गा था| ततपश्चात जांच में फार्म मालिक सहित कई आरोपियों को दोषी मानते हुए उनके खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट पेश की|
BSNL मेहसाणा में नियुक्त सुरक्षा गार्ड ठेके के मामले में गबन
सीबीआई एसीबी गांधीनगर को बीएसएनल मेहसाणा में नियुक्त सुरक्षा गार्ड ठेके के मामले में गबन के मामलों में गुप्त सूत्रों से प्राप्त जानकारी के आधार पर 28 |12| 2016 को एक प्राथमिक की जांच के लिए दर्ज की गई| जिसकी जांच के उपरांत सीबीआई एसीबी गांधी नगर द्वारा सिक्योरिटी एजेंसी के खिलाफ वर्ष 2017 वह 2018 में चार अलग-अलग एफआईआर दर्ज कर अनुसंधान प्रारंभ किया गया|
बताया गया कि अनुसंधान में विभिन्न सुरक्षा एजेंसी से जुड़े चंद्र मोहन राय भैराराम चौधरी ब्रिगेडियर सुधीर कुमार चौधरी मोहर सिंह विनायक पी खड़गे कैप्टन जोगेंद्र सिंह सुखदेव सिंह विर्क सुनील कुमार आनंद, त्रिनयन सिक्योरिटी एवं केसरी नंदन बालाजी सिक्योरिटी एजेंसी को आपराधिक षड्यंत्र रचते हुए धोखाधड़ी पूर्वक सरकारी राशि का गबन किया गया|
अब इन सब को आरोपी मानते हुए अतिरिक्त न्यायिक मजिस्ट्रेट सीबीआई कोर्ट नंबर एक मिर्जापुर अहमदाबाद के न्यायालय में अपराध धारा 120 भी 420 व 409 भारतीय दंड संहिता के आरोप में चार्ज सीट पेश की है| उक्त प्रकरणों में भैराराम चौधरी को मुख्य साजिशकर्ता मानते हुए चारों प्रकरणों में आरोपी बनाया गया है|