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Friday, October 18, 2024

जीतो महिलाओं ने जाना जीवन-मंत्र

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मुनि हिमांशुकुमार -हेमंतकुमार के सानिध्य में हुई कार्यशाला

बेंगलुर : बेंगलूरू की साउथ एवं नॉर्थ विंगो द्वारा संयुक्त रूप से राष्ट्रीय योजना श्रमण आरोग्यम के अन्तर्गत साधु-साध्वी भगवंतों के दर्शन-सेवा एवं प्रेरणा पाथेय हेतु कार्यक्रम आयोजित किया गया। आयोजन के तहत गांधीनगर में चातुर्मासार्थ विराजित मुनि हिमांशुकुमार एवं मुनि हेमंतकुमार के सानिध्य में “लाइफ़ मंत्र” पर कार्यशाला आयोजित की गई।मुनिबूद्वारा मंगल मंत्रोच्चार से कार्यक्रम का प्रारंभ हुआ । मुनि हिमांशु कुमार ने कहा कि मंत्र ज्ञान का एक शब्द है जो बहुत छोटा होता है। सरल तरीके से जीवन जीने के बहुत आसान मंत्र है।जिसके आचरण से आपकी आत्मा को शांति और कठिन परिस्थितियों को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। ये जीवन सूत्र लंबे समय से अस्तित्व में रहने पर जीवन शैली व्यवस्थित रहती है।

मुनि ने महिलाओं को एक साथ क़दम से क़दम मिलाकर चलने के, आगे बढ़ने, अच्छी माँ बनने, अच्छी सास-बहु बनने एवं अच्छी श्राविका बनने के सूत्र बताये।। मुनि ने महिलाओं को स्वयं के भीतर की शक्ती खोजकर स्वयं पर विश्वास करे स्वयं पर विश्वास करने पर जोर देते हुए कहा कि नारी स्वस्थ है तो समाज स्वस्थ है, नारी के तन, मन और चिंतन की स्वस्थता समाज की काया कल्प कर सकती है। मुनि ने आसान जीवन अर्थात सार्थक जीवन बनाना और आसान जीवन जीने के बीच का अंतर बताया। जीवन में केवल कुछ ही चीजें सार्थक हैं जैसे धर्म, साधना और अध्याय जीवन में सर्वोच्च प्राथमिकता के रूप में होनी चाहिए। धर्म व्यक्ति को उनके नैतिक आचरण और जिम्मेदारियों में मार्गदर्शन कराता है जबकि साधना में आंतरिक विकास और आध्यात्मिक अभ्यास शामिल है।

अध्याय में आध्यात्मिक अंतर्दृष्टि का अध्ययन रहने से एक उद्धेश्यपूर्ण जीवन जीने के लिए सम्यक् दृष्टिकोण बनता है। मुनि हेमंतकुमार ने तीन लाइफ़ मंत्र दिए पहला अपने लक्ष्यों का सम्मान करे यह एक मौलिक और अपरिहार्य मूल्य है जो व्यक्तिगत और सामाजिक दोनों क्षेत्रों में सामंजस्यपूर्ण संबंधों की रीढ़ मज़बूत बनाता है। दूसरा संस्कृति और सिद्धांतों का सम्मान करें यह आपको पहचान और अपनेपन का एहसास देगा। तीसरा अपने काम से काम रखना सीखे। सभी को किसी के भी व्यक्तिगत सीमाओं का सम्मान करना आना चाहिए और अनावश्यक विवादों से बच स्वयं विकास को बढ़ावा देना चाहिए।जीतो बेंगलुरु नार्थ के उपाध्यक्ष सिद्धार्थ बोहरा के अनुसार जीतो महिला विंग पदाधिकारियों ने श्रमण आरोग्यम योजना के महत्व को समझाते हुए मुनियो को श्रमण आरोग्यम फार्म दिया।मुनि ने श्रमण आरोग्यम योजना की सराहना की और कहा कि जीतो मानव जाति हेतु अनेकों आयामों पर सुदृढ़ता से कार्य कर रहा है।

उन्होंने कहा कि साधु-साध्वी की सेवा दर्शन और प्रेरणा पाथेय हेतु एकजुट होकर आना अच्छा लक्ष्य है। इस आयोजन में संयोजिका लता बोहरा एवं सुमन सिंघवी तथाविसह-संयोजिका वसंती जैन एवं संतोष सोलंकी ने व्यवस्था सँभाली। जीतो महिला विंग साउथ अध्यक्ष सुनीता गांधी एवं महामंत्री मोनिका पिरगल ने शुभकामना संप्रेषित की। जीतो महिला विंग नॉर्थ महामंत्री सुमन वेदमुथा ने आभार ज्ञापन किया। अध्यक्ष बिन्दु रायसोनी ने सभी का स्वागत व संचालन किया। तेरापंथ महिला मंडल अध्यक्ष रिजू डूँगरवाल एवं मंत्री ज्योति संचेती ने जैन प्रतीक चिन्ह से जीतो महिला पदाधिकारियों का सम्मान किया। साउथ और नॉर्थ विंग से लक्ष्मी बाफ़ना, बबिता रायसोनी, प्रभा गुलेच्छा, संगीता पारख, साधना धोका, उर्मिला बरडिया, साक्षी नाहर, पुष्पा गुलेच्छा, चित्रा मेहता, संगीता आँचलिया, दमयंती कटारिया इत्यादि भी उपस्थित थे।

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