आज के इस मॉडर्न दौर में जहां एक तरफ लोग अपने माता पिता को छोड़ कर अकेले बसने लगते हैं वही इस कलयुग के दौर में एक परिवार ऐसा भी है जो इन दिनों मिसाल बनकर कायम हुआ है। यह परिवार नसीराबाद उपखंड के रामसर गांव में रहता है और सभी एक साथ मिलजुल कर बहुत खुशी से रहते है। इस परिवार के मुखिया भंवरलाल माली है और परिवार के सभी अहम फैसले यही लेते है। आपको जानकर हैरानी होगी लेकिन इस घर के परिवार के लिए रोजाना 75 किलो आटे की रोटियां बनाई जाती है।
10 चूल्हों में रोटियां तैयार की जाती है। परिवार में कुल 55 पुरुष , 55 महिलाएं और 75 बच्चे है। इस परिवार में कुल 125 वोटर्स है जिसके कारण यह परिवार सरपंच के चुनाव के दौरान काफी अहम हो जाता है। किसी भी चुनाव में इस परिवार को काफी तवज्जो दी जाती है। परिवार के भागचंद माली ने बताया कि उनके दादा सुल्तान एक माली थी यह परिवार उन्ही का है। सुल्तान माली के 6 बेटे थे जिनमें से उनके पिता भवंर लाल सबसे बड़े है और उनके बेकी के छोटे भाई रामचंद्र, मोहन, छगन, बिरदीचंद और छोटू, शुरुआत से ही उनके दादा सुल्तान माली ने सबको एक साथ जोड़ कर रखा और एक संयुक्त परिवार में रहने की ही सीख दी।
भागचंद माली ने आगे बताया कि पहले उनका परिवार केवल खेती करता था लेकिन जैसे-जैसे परिवार बढ़ने लगा वैसे ही कमाई के साधन भी बढ़ने लगे। परिवार के मुखिया भंवरलाल ने कहा कि सयुंक्त परिवार में जो मजा है वो कही और नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि सयुंक्त परिवार में रहने से किसी भी काम का भोझ एक व्यक्ति पर नहीं पड़ता और सयुंक्त परिवार में रहने से सभी आर्थिक रूप से भी मज़बूत होते है ।