हरियाणा के विकास एवं पंचायत मंत्री देवेंद्र बबली ने कहा कि अब मनरेगा मजदूरों की हाजिरी में धांधली नहीं हो सकेगी। मजदूरों की बोगस हाजिरी को रोकने के लिए एमएमएमएस एप द्वारा कार्यस्थल पर मौजूद मजदूर के चेहरे से हाजिरी लगाई जाएगी।
कैबिनेट मंत्री देवेंद्र बबली ने बताया कि मनरेगा को पारदर्शी बनाने के लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय ने इस नई योजना पर कार्य शुरू कर दिया है तथा इसका ट्रायल देश में सबसे पहले टोहाना विधानसभा के गांवों से शुरू किया गया है। यहां बता दें कि इस बारे में मंत्री देवेंद्र बबली ने ही केंद्र सरकार को सुझाव दिया था जिस पर टोहाना से ट्रायल शुरू किया गया है।
विकास एवं पंचायत मंत्री देवेंद्र बबली ने बताया कि इस योजना में काम करने वाले मजदूरों की हाजिरी अब उनके चेहरे को स्कैन करके लगाई जाएगी। टोहाना खंड के गांव ललौदा, डांगरा में इस योजना का ट्रायल शुरू कर दिया गया है। इसके लिए मंत्रालय की एक टीम नई दिल्ली से टोहाना पहुंची हुई है। वीरवार को साइट पर मजदूरों के फेस स्कैन को लेकर ट्रायल किया गया। एक विशेष एमएमएमएस एप बनाकर टेस्टिंग हो रही है।
विकास एवं पंचायत मंत्री देवेंद्र बबली ने बताया कि इससे पहले मनरेगा मजदूरों की कागजी हाजिरी लगती थी, जिसमें गड़बड़ी की गुंजाइश रहती थी इसलिए इसे रोकने के लिए फिर बायोमेट्रिक हाजिरी शुरू की गई थी, लेकिन इसमें भी कुछ गड़बड़ी की संभावना के चलते अब फेस स्कैन प्रणाली शुरू करने का ट्रायल शुरू किया गया है।
कैबिनेट मंत्री ने बताया कि इसके लिए स्पेशल एप मनरेगा मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम नाम से ऐप बनाई गई। बोगस हाजिरी रोकने के लिए यह ऐप बनी है, जिस पर अटेंडेंस लगेगी। उन्होंने बताया कि भविष्य में यदि मजदूरों के चेहरे में कोई बड़ा बदलाव आता है तो उसको भी बाद में अपडेट किया जा सकेगा।