हैदराबाद: सीरवी समाज की होनहार प्रतिभा समाज की प्रथम महिला क्रिकेटर पाली जिले की सोजत तहसील के बिलावास गांव की सुश्री उषा परिहारिया सीरवी के शमशाबाद आगमन पर स्वागत समारोह का आयोजन किया गया। आपने सीरवी समाज की पहली महिला क्रिकेटर के रूप में पाली जिले व पूरे भारत वर्ष में अपना और सीरवी समाज का नाम रोशन किया है। हमें गर्व है हमारे समाज की ऐसी होनहार प्रतिभा पर जिसने अपनी कड़ी मेहनत, लग्न और परीश्रम से समाज को गौरवांवित किया।
अखिल भारतीय सीरवी महासभा तेलंगाना के अध्यक्ष हरजीराम काग के नेतृत्व में सम्पूर्ण कार्यक्रम को संम्पन्न करवाया गया।जिसमे सभी सम्मानित सदस्यों द्वारा बेटी का जोरदार स्वागत किया गया। कार्यक्रम में अखिल भारतीय सीरवी महासभा के सचिव सोहनलाल हाम्मड़, शमशाबाद बडेर के अध्यक्ष आसाराम गेहलोत, सचिव भूराराम परिहार, उपाध्यक्ष मलाराम पंवार, कोषाध्यक्ष हरिराम परिहरिया, खेल मंत्री प्रवीण कुमार पंवार, मीडिया प्रभारी भीकाराम काग, सलाहकार चेलाराम काग, कार्यकारणी सदस्य रमेश चोयल, अखिल भारतीय सीरवी महासभा महिला सचिव व पंचायत समिति सदस्य देवली रायपुर से श्रीमती गौरी देवी काग, नारसिंगी बडेर के सचिव श्री मोतीराम मादावत, महिला मंडल की उपाध्यक्ष श्रीमती संतोष देवी परिहार, सचिव भारती परीहारिया, सलाहकार श्रीमती कमला देवी पंवार, पारसीगुट्टा बडेर हैदराबाद की पूर्व महिला मंडल कोषाध्यक्ष श्रीमती उषा लचेटा व समाज के सदस्यों व माताओं बहनों की उपस्थिति में भव्य आयोजन किया गया।साथ ही महिला क्रिकेटर सुश्री उषा परिहारिया का गुलदस्ता, साल माला द्वारा स्वागत व अभिनंदन किया गया।
इस कार्यक्रम में हरजीराम काग ने कहा कि बेटी उषा की मेहनत, लगन से आज इस लेवल पर पहुंची, आने वाले समय मे हम सभी राष्ट्रीय टीम में देखना चाहते हैं।जरूर माँ के आशीर्वाद से इनका लक्ष्य सफल हो,उन्होंने अपने उध्बोधन में कहा कि समाज के प्रतिभावान छात्र छात्राओं को आगे बढ़ाने के लिये हर सम्भव योगदान दिलाने की बात कही व अपने कर्त्तव्य पथ पर निरन्तर आगे बढ़ते रहना चाहिये।अपना रास्ता व मंजिल से कभी भटकना नही चाहिये । जब जब रास्ते से भटके है तब तब अपने परिवार व समाज का नाम खराब हुआ है।इसलिए जो बच्चे अच्छे से पढ़ते हुए आगे बढ़ रहे है साथ ही खेल में उनका भरपूर सहयोग करना चाहिए।
उसको अखिल भारतीय सीरवी महासभा तेलंगाना से हर संभव मदद दिलवाई जायेगी। सुश्री उषा ने स्वागत उद्बोधन में कहा कि हमें अपने संस्कारों से जुड़े हुए रहकर ही मेहनत और लगन से कार्य करना चाहिए।और किसी भी कार्य में सफलता प्राप्ति हेतु निरन्तर अभ्यास करना बेहद जरूरी है। कार्यक्रम की एंकरिंग भीकाराम काग ने बहुत ही जोशीले स्वर और उम्दा अंदाज में हिन्दी, राजस्थानी और संस्कृत श्लोकों के साथ की।