पाली। क्षेत्र के गांव सरथुर मे 30 साल बाद समुद्र मंथन का अवसर आया 36 कौम ने मिलकर मामाजी नाडी मे समुद्र मंथन किया और गांव में सुख-शांति की प्रार्थना की और 36 कौम मिलकर समुद्र मंथन किया और करीब 7000 से बढ़कर लोग आए थे। सरथुर ग्राम में बुधवार को 7000 महिलाओं ने तालाब पर समुद्र मंथन किया। जहां बहनों ने अपने भाइयों की लंबी उम्र की कामना की। तो भाइयों ने भी बहन का हाथ पकड़ कर तालाब से बाहर निकाला और चुनड़ी ओढाई |
बुधवार को सरथुर मे 36 कुम समाज की 7000 से अधिक महिलाएं और करीब 7 हजार लोग इकट्ठा हुए। जिन्होंने समंदर हिलोरने की परंपरा निभाई। सबसे पहले महिलाएं बुधवार को सरथुर मे 36 कुम समाज की 7000 से अधिक महिलाएं और करीब 7 हजार लोग इकट्ठा हुए। जिन्होंने समंदर हिलोरने की परंपरा निभाई। सबसे पहले महिलाएं मंगल गीत गाते हुए निकली और नाड़ी [तालाब] के पास पहुंची। इस दौरान ग्रामीण ढोल की थाप पर डांस कर रहे थे। समुद्र मंथन कार्यक्रम को लेकर आने वाले सर्व 36 कुम समाज के लिए परंपरा के अनुसार भाई-बहन तालाब के पास जाकर एक घड़े से पानी को हिलाते हैं और बहन-भाई को तालाब का पानी पिलाती है।
जबकि, भाई बहन को चुनरी ओढ़ता है। इस प्रथा को समंदर हिलोरना कहा जाता है। वैदिक मंत्र उच्चारण के बीच कार्यक्रम की शुरुआत हुई। जिसमें सबसे पहले बहनों ने तालाब की चार परिक्रमा लगाई। भाइयों ने तालाब के अंदर बहन के साथ खड़े होकर अपने हाथों से पानी पिलाकर उनका उपवास खुलवाया। समुद्र मंथन को लेकर गांव के समस्त ग्राम वासीयो ने व्यवस्थाएं संभाली।