समदड़ी: सिलोर गांव में शुक्रवार को चल रही श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन कथा व्यास वेदांताचार्य डॉ. ध्यानारामजी ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा मनुष्य की सभी इच्छाओं को पूर्ण करने वाली है। यह कल्पवृक्ष के समान है। भक्ति के संकल्प से ईश्वर की प्राप्ति संभव है। उन्होंने कहा कि कलियुग में केवल ईश्वर का नाम लेने से संकटों से मुक्ति मिल जाती है।
ध्रुव कथा से मिला संकल्प और तपस्या का संदेश
ध्रुव कथा का उदाहरण देते हुए संत ध्यानारामजी ने बताया कि संकल्प और तपस्या से ही ईश्वर के दर्शन संभव हैं। उन्होंने कहा कि मनुष्य क्रोध को प्रेम, पाप को सदाचार, लोभ को दान और झूठ को सत्य से जीत सकता है।
संत का आयोजकों ने किया स्वागत
कार्यक्रम में कथा आयोजक गोमसिंह राजपुरोहित, जगदीश सिंह, मदनसिंह, हीरसिंह राजगुरु ने संत का माला पहनाकर स्वागत किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।