नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर विवादित बयान देकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी फंसते हुए नजर आ रहे हैं। चुनाव आयोग ने राहुल गांधी को नोटिस भेजा है। आयोग ने कांग्रेस नेता को 25 नवंबर तक का समय दिया है। इस समयसीमा तक राहुल गांधी को अपना जवाब चुनाव आयोग को देना है। चुनाव आयोग ने कांग्रेस नेता की दो बयानों को लेकर नोटिस जारी किया है। इसमें उनका पीएम को पनौती और जेबकतरा वाला बयान शामिल है।
राहुल ने पीएम को बताया था पनौती
गौरतलब है कि राहुल गांधी ने मंगलवार को राजस्थान में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा कि ‘पीएम का मतलब पनौती मोदी’ है। क्रिकेट विश्व कप फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत की हार का जिक्र करते हुए राहुल गांधी ने दुर्भाग्य से जुड़े इस शब्द का इस्तेमाल किया। मैच में हार के बाद से सोशल मीडिया पर ‘पनौती’ शब्द ट्रेंड कर रहा था। मैच के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अहमदाबाद स्थित स्टेडियम में मौजूद थे। इस स्टेडियम का नाम प्रधानमंत्री मोदी के नाम पर रखा गया है।
पीएम ने कहा था ‘मूर्खों का सरदार’
राहुल की यह टिप्पणी प्रधानमंत्री मोदी द्वारा कुछ दिन पहले परोक्ष रूप से उन्हें (राहुल) ‘मूर्खों का सरदार’ कहकर संबोधित किए जाने के बाद आई थी। ‘मेड इन चाइना फोन’ वाले बयान को लेकर मोदी ने बिना किसी का नाम लिए कहा था, ‘अरे ‘मूर्खों के सरदार’, कौन सी दुनिया में रहते हो।’ बालोतरा के बायतु में रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता ने यह भी आरोप लगाया कि मोदी ने बड़े उद्योगपतियों के कर्ज माफ कर दिए और उन्हें सभी फायदे दिए।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने बुधवार को एक चुनावी भाषण के दौरान मोदी पर निशाना साधते हुए ‘जेबकतरे’ वाली टिप्पणी की थी और आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री लोगों का ध्यान भटकाते हैं जबकि उद्योगपति गौतम अडाणी उनकी (लोगों की) जेब से पैसे निकालते हैं। उन्होंने आरोप लगाया था कि जेबकतरे इसी तरह काम करते हैं। नोटिस में आयोग द्वारा जारी एक सामान्य परामर्श का भी जिक्र किया गया है, जिसमें चुनाव प्रचार के दौरान ‘राजनीतिक संवाद के गिरते स्तर’ पर चिंता व्यक्त की गई थी। आयोग ने गांधी को उच्चतम न्यायालय की उस टिप्पणी के बारे में भी बताया जिसमें कहा गया था कि यदि संविधान के अनुच्छेद 19 (1) (ए) द्वारा बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा की जाती है, तो प्रतिष्ठा के अधिकार को भी अनुच्छेद 21 द्वारा संरक्षित जीवन के अधिकार का एक अभिन्न हिस्सा माना जाता है और ‘इन दो अधिकारों को संतुलित करना एक संवैधानिक आवश्यकता है’।
आयोग ने कहा, ‘‘तदनुसार, आपसे अनुरोध किया जाता है कि आप लगाए गए आरोपों पर अपना स्पष्टीकरण दें और कारण बताएं कि आयोग द्वारा आदर्श आचार संहिता और प्रासंगिक दंड प्रावधानों के कथित उल्लंघन के लिए उचित कार्रवाई क्यों नहीं शुरू की जाए। उसने कहा, ‘‘यदि आपके पास कोई जवाब है तो वह 25 नवंबर की शाम छह बजे तक पहुंच जाए। अगर तब तक कोई जवाब नहीं मिलता है, तो आयोग द्वारा उचित कार्रवाई की जाएगी। विधानसभा चुनावों के मौजूदा दौर में राहुल गांधी को आयोग की ओर से पहली बार नोटिस जारी किया गया जबकि उनकी बहन और कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी को दो बार नोटिस जारी किया जा चुका है।