-2 C
Innichen
Thursday, December 12, 2024

भांजी की शादी में 3.21 करोड़ का मायरा,81 लाख कैश, अनाज से भरा ट्रैक्टर, जमीन, 23 लाख के गहने…जानिए कहां हुआ ऐसा मायरा

नागौर : शादी में मायरे के लिए प्रचलित राजस्थान का नागौर जिला एक बार फिर से चर्चा में है। यहां तीन किसान भाइयों ने अपनी भांजी की शादी में 3 करोड़ 21 लाख रुपए का मायरा भरा। ये जब थाली में कैश लेकर पहुंचे तो सभी देखते रह गए। इतना ही नहीं तीनों मामा ने गहने से लेकर अनाज तक इस मायरे में रखा।

मामला जिले के जायल क्षेत्र के झाड़ेली गांव का है। दरअसल, घेवरी देवी और भंवरलाल पोटलिया की बेटी अनुष्का की कल बुधवार को शादी थी। इस दौरान अनुष्का के नाना बुरड़ी गांव निवासी भंवरलाल गरवा अपने तीनों बेटे हरेंद्र, रामेश्वर और राजेंद्र के साथ करोड़ों रुपए का मायरा लेकर पहुंचे पिता के इस सम्मान को देख एक बार के लिए घेवरी देवी और उनके परिवार के आंखों में आंसू आ गए। वहीं पिता का कहना था कि परिवार की इकलौती बेटी है और इसी की किस्मत से मेरे तीनों बेटों को इतना कुछ मिला है

थाली में रखे 81 लाख रुपए कैश

इस दौरान थाली में 81 लाख रुपए कैश रखे गए। इस पर अनुष्का के नाना खुद थाली सिर पर उठाकर शादी में पहुंचे। इस थाली में 500-500 रुपए के नोटों की गडि्डयां रखी हुई थीं। यहां गांव-समाज के पंच-पटेलों के बीच 81 लाख रुपए के अलावा साढ़े 16 बीघा खेती के लिए जमीन, नागौर रिंग रोड पर करीब 30 लाख रुपए की कीमत का प्लॉट, 41 तोला सोना और 3 किलो चांदी के गहने दिए।

इसके अलावा अनाज की बोरियों से भरी नई ट्रैक्टर-ट्रॉली के साथ एक स्कूटी भी अपनी दोहिती को गिफ्ट की। मायरे में इतना कुछ देख वहां मौजूद हर कोई चौंक गया। बहन को ओढ़ाई 500-500 रुपए नोट से सजी चुनरी

समाज और पंच-पटेलों की मौजूदगी में ननिहाल पक्ष की ओर से जमीन के सारे डॉक्यूमेंट्स बेटी के परिवार को दिए गए। वहीं तीनों भाइयों ने बहन के ससुराल वालों के प्रत्येक सदस्यों को चांदी के सिक्के भी भेंट किए। ये सिक्के भी थाली में सजाकर पहुंचे थे। भाइयों के इस प्यार को देख इकलौती बहन घेवरी देवी के आंख में आंसू आ गए। इतना ही नहीं भाइयों ने बहन को 500-500 रुपए के नोटों से सजी चुनरी भी ओढ़ाई।

घेवरी देवी के पिता भंवरलाल गरवा ने बताया कि उनके पास करीब 350 बीघा खेती की जमीन है। वहीं उनके तीन बेटों हरेंद्र, रामेश्वर और राजेंद्र गरवा के बीच घेवरी इकलौती बेटी है। वो मुझे ईश्वर का दिया हुआ उपहार है। बहन, बेटी और बहू से बड़ा धन भी कुछ नहीं है। पूर्वजों का अभी पुराना इतिहास है कि बहन-बेटी के ससुराल में मायरे को दिल खोल कर भरना चाहिए और उनके संकट में रक्षक की तरह खड़ा होना चाहिए। इसलिए बेटों ने मेरी सहमति से ही अपनी बहन की खुशी के लिए ये मायरा भरा है।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles