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Thursday, December 12, 2024

पीएम मोदी ने अबू धाबी के पहले हिंदू मंदिर का किया उद्घाटन पीएम मोदी बोले- हम सब एक परिवार विश्व को साथ लेकर चलने वालों की जरूरत

अबू धाबी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दो दिवसीय यूएई यात्रा का आज दूसरा दिन है। अपने दौरे के दूसरे दिन पीएम मोदी ने अबू धाबी में बने हिंदू मंदिर का उद्घाटन किया। उद्घाटन से पहले पीएम मोदी ने मंदिर की खूबसूरती का दीदार किया। विदेश में बना अबतक का सबसे बड़ा हिंदू मंदिर है। इस मंदिर को वैज्ञानिक तकनीकों और प्राचीन वास्तुकला विधियों का उपयोग करके बनाया गया है। बोचासनवासी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था की ओर से निर्मित यह हिंदू मंदिर करीब 27 एकड़ जमीन पर बनाया गया है। इस मंदिर में तापमान मापने और भूकंपीय गतिविधि पर नजर रखने के लिए उच्च तकनीक वाले 300 से अधिक सेंसर लगे हैं। सबसे खास बात की मंदिर को बनाने में किसी भी धातु का उपयोग नहीं किया गया है और नींव को भरने के लिए फ्लाई ऐश का उपयोग किया गया है। इस मंदिर को करीब 700 करोड़ रुपए की लागत से बनाया गया है।

बेहद खूबसूरत है अबू धाबी का हिंदू मंदिर
मंदिर में शिल्प स्थापत्य शास्त्रों में वर्णित निर्माण की प्राचीन शैली के अनुसार बनाया गया है। मंदिर के दोनों ओर गंगा और यमुना का पवित्र जल बह रहा है जिसे बड़े-बड़े कंटेनर में भारत से लाया गया है। मंदिर प्राधिकारियों के अनुसार, जिस ओर गंगा का जल बहता है वहां पर एक घाट के आकार का एम्फीथिएटर बनाया गया है। मंदिर के आगे के हिस्से में बलुआ पत्थर पर उत्कीर्ण संगमरमर की नक्काशी की गई है। जिसे राजस्थान और गुजरात के कुशल कारीगरों ने बनाया है। मंदिर को 2019 में बनाना शुरू किया गया था।

किन देवी देवताओं की है मूर्ति
बोचासनवासी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण की ओर से निर्मित मंदिर में सात शिखर हैं. इसको लेकर मंदिर प्राधिकारियों का कहना है कि यह संयुक्त अरब अमीरात के सात अमीरात का प्रतिनिधित्व करते हैं। इन सात शिखरों पर राम, कृष्ण, शिव, जगन्नाथ, स्वामीनारायण, तिरुपति बालाजी और भगवान अयप्पा की मूर्तियां रखी गई है। प्राधिकारियों ने यह भी कहा है कि सात शिखर सात महत्वपूर्ण देवताओं को समर्पित हैं। ये शिखर संस्कृतियों और धर्मों के परस्पर संबंध को रेखांकित करते हैं।

विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने बुधवार को यहां कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विदेश में मौजूद भारतीय नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के हमेशा प्रयास किए हैं और अन्य देशों के नेताओं से बात की है। क्वात्रा ने कतर की जेल में बंद भारतीय नौसेना के आठ पूर्व कर्मियों की रिहाई से जुड़े सवालों का जवाब देते हुए कहा कि जब भी भारतीय समुदाय को समस्याओं का सामना करना पड़ा है, तो प्रधानमंत्री, उनके नेतृत्व और उनकी व्यक्तिगत कोशिशों ने यह सुनिश्चित किया है कि उन्हें भारत वापस लाया जाए।

कतर ने सोमवार को भारतीय नौसेना के उन पूर्व कर्मियों को रिहा कर दिया, जिन्हें मौत की सजा सुनाई गई थी और जिनकी सजा को अलग-अलग अवधि की जेल की सजा में बदल दिया गया था। क्वात्रा ने प्रधानमंत्री की संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा की जानकारी देते हुए कहा, ‘‘यह भारतीय समुदाय के सामने आने वाली समस्याओं के समाधान के लिए प्रधानमंत्री द्वारा अपनाए जाने वाले संवेदनशील नजरिए का प्रत्यक्ष प्रमाण है।’’

विदेश सचिव ने कहा कि पिछले 10 साल में जब भी भारतीय नागरिकों के सामने कोई समस्या आई है, तो उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए न केवल विदेश मंत्रालय, बल्कि ‘‘पूरी सरकार’’ को शामिल करने का दृष्टिकोण अपनाया गया है। क्वात्रा ने कहा, ‘‘भारतीय नागरिक, चाहे वे कहीं भी हों, उन्हें हर संभव और उचित मदद दी जानी चाहिए… ये प्रधानमंत्री के निर्देश हैं।’’

विदेश सचिव ने कहा, ‘‘उन्होंने (प्रधानमंत्री ने) अन्य देशों के नेताओं से बात करने की पहल की है और उन्होंने यह सुनिश्चित किया है कि भारतीय नागरिक जहां भी हों, वे सुरक्षित रहें और जरूरत पड़ने पर उन्हें भारत वापस लाया जाए।’’

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