जम्मू के डोडा जिले में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में घायल एक पुलिसकर्मी की मंगलवार को मौत हो गई। इस मुठभेड़ में अब तक पांच सुरक्षाकर्मी शहीद हो चुके हैं। इससे पहले, डोडा जिले के जंगल वाले इलाके में आतंकवादियों के साथ रात भर हुई मुठभेड़ में एक कैप्टन समेत सेना के चार जवान शहीद हो गए थे। शुरुआत में 15 और 16 जुलाई की दरम्यानी रात हुई मुठभेड़ में एक पुलिसकर्मी समेत पांच सुरक्षाकर्मियों के गंभीर रूप से घायल होने की सूचना मिली थी।
अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय राइफल्स और पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप के जवानों ने सोमवार शाम करीब 7.45 बजे उरारबागी में घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू किया था, जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हुई। बीस मिनट से ज्यादा की गोलीबारी में एक पुलिसकर्मी, और एक अधिकारी समेत चार सैन्यकर्मी घायल हो गए। उन्होंने बताया कि इलाके में आतंकवादियों के खिलाफ अभियान जारी है। डोडा जम्मू संभाग के घने जंगलों वाले पहाड़ी जिलों में से एक है, जहां माना जाता है कि आतंकवादी गुरिल्ला युद्ध की नीति अपना रहे हैं।
पहाड़ी इलाकों में सेना-CRPF की होगी तैनाती
आतंकवादियों की गतिविधियों से निपटने के लिए रक्षा और गृह मंत्रालय ने हाल ही में एक उच्च स्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठक में फैसला किया था कि जम्मू संभाग के घने जंगलों वाले पहाड़ी इलाकों में सेना और सीआरपीएफ की तैनाती की जाएगी। हमले को लेकर कांग्रेस ने केन्द्र सरकार पर निशान साधा और कहा कि सात महीनों में छह आतंकी हमले सरकार के तमाम दावों को ख़ारिज करते हैं तथा ऐसे में सुरक्षा रणनीति में सावधानीपूर्वक बदलाव करने की जरूरत है। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने यह भी कहा कि फर्जी विमर्श और लीपापोती करके राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में नहीं डाला जा सकता और सीमा पार आतंकवाद से सामूहिक रूप से लड़ना होगा।
अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय राइफल्स और जम्मू-कश्मीर पुलिस के विशेष अभियान समूह के जवानों ने सोमवार देर शाम देसा वन क्षेत्र के धारी गोटे उरबागी में संयुक्त घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू किया, जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हुई। खरगे ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया, ‘‘जम्मू-कश्मीर के डोडा में आतंकी मुठभेड़ में एक अधिकारी सहित सेना के चार बहादुर जवानों की शहादत से बहुत व्यथित हूं। हम अपने उन बहादुरों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं, जिन्होंने भारत माता की सेवा में सर्वोच्च बलिदान दिया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं घायलों के साथ हैं और हम उनके शीघ्र एवं पूर्ण स्वस्थ होने की कामना करते हैं। कायर आतंकवादियों द्वारा किए जा रहे हिंसा के इन कृत्यों के लिए कड़ी और स्पष्ट निंदा के लिए कोई भी शब्द पर्याप्त नहीं है। कांग्रेस अध्यक्ष के अनुसार, पिछले 36 दिनों में जम्मू-कश्मीर में जिस तरह से आतंकी हमले हुए हैं, उसे देखते हुए हमारी सुरक्षा रणनीति में सावधानीपूर्वक बदलाव करने की जरूरत है।