अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला के प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम होने वाला है। जिन्हें कार्यक्रम में शामिल होने का निमंत्रण मिला है वे जाने की जोर-शोर से तैयारियां कर रहे। वहीं शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने पीएम मोदी को लेकर एक विवादित बयान दिया है। उनका कहना है कि वह कार्यक्रम में शामिल होने नहीं जाएंगे। शंकराचार्य ने मध्य प्रदेश के रतलाम में बुधवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्राण प्रतिष्ठा करेंगे, मूर्ति का स्पर्श करेंगे तो मैं ताली बजाकर वहां जय-जय करूंगा क्या?
जगन्नाथ पुरी मठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने मीडिया से बातचीत में कहा, ‘मुझे सूचना है कि शंकराचार्य पुरी एक व्यक्ति के साथ आना चाहें तो आ सकते हैं। अगर लिखा होता कि स्व-व्यक्ति के साथ बुलाया जाता तो भी मैं नहीं जाता। मैं सैद्धांतिक व्यक्ति हूं। मोदी जी लोकार्पण करें, मूर्ति का स्पर्श करेंगे तो मैं वहां ताली बजाकर जय-जय करूंगा क्या? मुझे पद नहीं, पद तो सबसे बड़ा प्राप्त ही है, लेकिन आप थोड़ा विचार कीजिए धर्मा क्या नहीं है। योगी भी हो गए मोदीजी, योगासन भी सिखाते हैं। धार्मिक क्षेत्र में हस्तक्षेप कर ही रहे हैं। वहां जाकर शंकराचार्य ताली बजाएंगे। मोदीजी ऐसे प्रणाम कर देंगे या संतों की ओर देखेंगे भी नहीं। मुझे अपने पद की गरिमा का अभिमान नहीं, अपने पद की गरिमा का ध्यान है। इसलिए मैं नहीं जाऊंगा।’
शंकराचार्य ने आगे कहा, ‘निमंत्रण मिला है कि आप चाहें तो एक व्यक्ति को साथ लाएं। मुझे जाने की क्या जरूरत है। मुझे अयोध्या से परहेज नहीं है। रामजी मेरे हृदय में हैं, भगवती सीताजी को मैं अपनी बड़ी बहन मानता था लेकिन उन्होंने कहा कि मुझे छोटी बहन माना करो। यह संबंध तो कोई तोड़ नहीं सकता। अयोध्या से मेरा संबंध टूटेगा नहीं। इस अवसर पर जाना मेरे लिए उचित भी नहीं है।’ बता दें कि अयोध्या में रामलला के भव्य मंदिर के उद्घाटन की तैयारी चल रही है। समारोह में शामिल होने के लिए ट्रस्ट ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों सहित कई वीवीआईपी लोगों को निमंत्रण भेजा है।