8.7 C
New York
Friday, October 18, 2024

गर्मी की दस्तक से पहले सिलिकॉन वैली में पानी के लिए मचा हाहाकार ?

बेंगलुरु : आईटी हब और भारत की सिलिकॉन वैली कहे जाने वाला बेंगलुरु शहर पानी की किल्लत से जूझ रहा है। रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, गर्मी का सीजन शुरू होने से पहले ही जल का संकट गहरा गया है। कमजोर दक्षिण-पश्चिम मानसूनी बारिश के कारण भूजल स्तर लगातार कम होता जा रहा है। वहीं, शहर को पानी आपूर्ति करने वाले कावेरी नदी बेसिन जलाशयों में पानी का स्तर कम हो गया है। लिहाजा, 14 मिलियन लोगों, आईटी कंपनियों और स्टार्टअप वाले शहर को अपनी दैनिक पानी की जरूरतों को पूरा करने में भारी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। हाल ही में राज्य के ड‍िप्‍टी सीएम डी के श‍िवकुमार ने सदन को इस भारी समस्या से अवगत कराया था। उन्होंने बताया कि 20 फीसदी आबादी को टैंकरों के जर‍िये पानी सप्‍लाई क‍िया जाता है। यह राज्‍य में पानी की बढ़ती कमी की समस्‍या को उजागर करता है। इससे निपटने के लिए हमें उचित और समय से कदम उठाने होंगे।

बेंगलुरु पानी संकट: रोजमर्रा के जीवन पर पड़ रहा प्रभाव

पानी की किल्लत की वजह से टैंकरों की सामान्य कीमत से लगभग दोगुने दाम चुकाने पड़ रहे हैं। जानकारी के मुताबिक, 12,000-लीटर टैंकर की कीमतें बढ़कर 2,000 रुपये तक पहुंच गई हैं, जबकि एक महीने पहले यही कीमत 1,200 रुपये थी। पानी के टैंकर मंगाने के लिए कई दिन पहले बुक करना पड़ता है। स्थानीय लोगों का यह रोजमर्रा का कार्य बन गया है। उत्तरी बेंगलुरु के होरमावु के एक निवासी ने एक रिपोर्ट में स्थिति की वास्तविकता साझा की है। उन्होंने कहा कि पानी की कमी के कारण पौधों का जीवन खतरे में है। अभी तो अप्रैल भी नहीं आया और स्थिति गंभीर हो चली है। भूजल की कमी के कारण भुगतान के बावजूद टैंकर विक्रेताओं की अनुपलब्धता पर चिंताएं मंडरा रही हैं। शहर में जल आपूर्ति के लिए जिम्मेदार बैंगलोर जल आपूर्ति और सीवरेज बोर्ड (बीडब्ल्यूएसएसबी) अतिरिक्त पानी की मांग कर रहा है। वहीं, कावेरी बेसिन अपने घटते भंडार को बढ़ाने के लिए प्रयासरत है।

बेंगलुरु पानी संकट: टैंकर आपूर्ति पर निर्भर शहर

आमतौर पर शहर गर्मियों के महीनों के दौरान बीडब्ल्यूएसएसबी पानी के लिए भूजल और टैंकर आपूर्ति पर निर्भर रहता है। हालांकि इस वर्ष पानी की कमी शुरुआत में ही देखने को मिल रही है। शहर की तमाम रिहायशी और इलाकों से कमी की खबरें सामने आई हैं, जिससे बड़े आवासीय इमारतों में रह रहे लोगों से पानी का कम उपयोग कम करने का आग्रह किया है। एक समय था जब बेंगलुरु अपनी मध्यम जलवायु और हरी-भरी हरियाली के लिए जाना जाता था, लेकिन गहराते जल संकट की वजह से पर्यावरण पर भारी असर पड़ रहा है।

बेंगलुरु पानी संकट: सदन में गर्माया जल मुद्दा

वहीं, डिप्‍टी सीएम डी के शिवकुमार ने कहा कि साल 2017 से बेंगलुरु जल आपूर्ति और सीवरेज बोर्ड (BWSSB) शहर की 103 झुग्गियों में हर माह 10,000 लीटर पानी मुहैया करा रहा है। उन्होंने कहा कि शहर में कावेरी जल आपूर्ति का एरिया बढ़ाने में पानी की कीमतों में संशोधन जैसी समस्याएं बाधा उत्‍पन्‍न कर रही हैं। पानी की दरों में संशोधन में देरी राजनीत‍िक कारण रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि 2013 के बाद यान‍ि 11 सालों में बिजली बिलों और अन्य खर्चों (बीडब्ल्यूएसएसबी के) में बढ़ोतरी के बावजूद पानी की दरों में बढ़ोतरी नहीं कर पाए। वहीं, विपक्ष इस मुद्दे को गर्मजोशी के साथ सदम में उठा रहा है।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles