बेंगलुरुः कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी (आप) को राज्य में बड़ा झटका लगा है। राज्य में पार्टी के प्रमुख चेहरे और बेंगलुरु के पूर्व पुलिस आयुक्त भास्कर राव ने बुधवार (1 मार्च, 2023) को आप का दामन छोड़ दिया। वे राज्य में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए हैं। 11 महीने पहले ही राव दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मौजूदगी में आप में शामिल हुए थे। भाजपा की कर्नाटक इकाई के प्रमुख नलिन कुमार कटील की उपस्थिति में वे पार्टी में शामिल हो गए।
देश को सिर्फ भाजपा ही मजबूत कर सकती है: भास्कर राव
भाजपा में शामिल होने के बाद भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के सेवानिवृत्त अधिकारी ने कहा कि सिर्फ भाजपा ही भारत को मजबूत कर सकती है और उसकी खोई हुई गरिमा वापस लौटा सकती है। राव ने यहां संवाददाताओं से कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘एक भारत, समृद्ध भारत’ के निर्माण के लिए प्रयासरत हैं और हम सभी को इसमें मदद के लिए हाथ मिलाना चाहिए। मैं भाजपा में युवाओं और महिलाओं को दिए जा रहे महत्व से भी प्रभावित हूं।”
उन्होंने कहा कि वह कटील, मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई, पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस येदियुरप्पा और अन्य वरिष्ठ नेताओं से मार्गदर्शन लेंगे। राव का इस्तीफा 4 मार्च को अरविंद केजरीवाल के कर्नाटक के प्रस्तावित दावणगेरे दौरे से पहले आया है। इस मौके पर कटील ने कहा कि राव ने आप में एक साल का राजनीतिक अनुभव हासिल करने के बाद भाजपा की विचारधारा और दर्शन को स्वीकार किया है। उन्होंने कहा कि सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी राष्ट्रीय स्तर पर मोदी के नेतृत्व में और राज्य स्तर पर बोम्मई के नेतृत्व में पार्टी के कामकाज से प्रभावित हैं।
पिछले साल अप्रैल में आप में शामिल हुए थे भास्कर राव
राव ने पिछले साल अप्रैल में आप में शामिल होने के लिए स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली थी,उन्हें राज्य में पार्टी का उपाध्यक्ष बनाया गया था। राव ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि आप में कोई विकास नहीं था और इसे बदलने के लिए उन्होंने जो प्रयास किए वे असफल रहे। उन्होंने कहा, “मैं जनवरी से पार्टी बदलने के बारे में सोच रहा था और बहुत चर्चा के बाद, भाजपा में शामिल होने का फैसला किया। मैंने कोई पद या कुछ भी नहीं मांगा है। मैं एक कार्यकर्ता के रूप में पार्टी में काम करूंगा।”
माना जाता है कि राव आप के टिकट पर बसवनगुड़ी या मल्लेश्वरम विधानसभा क्षेत्र से मैदान में उतरना चाहते थे। इन दोनों सीटों पर राव के ब्राह्मण समुदाय के सदस्यों की अच्छी संख्या है। आप सूत्रों ने कहा कि उन्हें पार्टी की राज्य इकाई का अध्यक्ष बनाए जाने की भी उम्मीद थी। कई नेताओं ने स्वीकार किया कि जैसा कि पार्टी कर्नाटक में अपने पैर जमाने की कोशिश कर रही है, ऐसे में राव का पार्टी छोड़ना बड़ा झटका है।