कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के खिलाफ बेंगलुरु पुलिस ने एक मामला दर्ज किया है। यह मामला बीजेपी नेताओं को लेकर कथित तौर पर भड़काऊ और फर्जी सोशल मीडिया पोस्ट करने से जुड़ा है। डीके शिवकुमार कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री है और प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भी हैं। उनके साथ कांग्रेस सोशल मीडिया सेल के प्रमुख बीआर नायडू के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है।
सोमवार को बेंगलुरु की एक स्पेशल कोर्ट के एक आदेश के बाद मामला दर्ज किया गया था। जहां भाजपा के कानूनी सेल के पूर्व सचिव योगेंद्र होदघट्टा ने शिकायत दर्ज कराई थी कि कांग्रेस ने भ्रामक खबरों का उपयोग कर विपक्षी दलों पर निशाना साधा है।
पुलिस ने बताया कि यहां हाई ग्राउंड्स पुलिस थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए (विभिन्न समूहों के बीच वैमनस्य को बढ़ावा देना), धारा 504 (जानबूझकर अपमान करना), धारा 506 (आपराधिक धमकी) और धारा 464 (झूठे दस्तावेज बनाना) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।
यह मामला बीजेपी के एक प्रदर्शन से जुड़ा था जब भाजपा ने 1992 में अयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद हुबली में हुई आगजनी और दंगे की घटना पर दक्षिणपंथी कार्यकर्ता श्रीकांत पुजारी की गिरफ्तारी का विरोध किया था। इसके बाद भाजपा कार्यकर्ताओं ने ‘मैं भी कारसेवक हूं, मुझे भी गिरफ्तार करो’ लिखी तख्तियां लेकर प्रदर्शन किया था।
कांग्रेस सूचना प्रौद्योगिकी सेल ने कथित तौर पर घोटालों पर इकबालिया बयान की तरह दिखने के लिए तख्तियों पर लिखे शब्दों में छेड़छाड़ की और उन्हें सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया। पोस्ट डीके शिवकुमार के सोशल मीडिया हैंडल से भी साझा किए गए थे। इसे लेकर बीजेपी ने शिकायत दर्ज कराई और कहा कि यह जनता को गलत तरह से दिखाया गया है।
सुप्रिया श्रीनेत और दिलीप घोष को भी EC ने दी है चेतावनी
आम चुनाव से पहले आदर्श आचार संहिता लग चुकी है और चुनाव आयोग दिशा-निर्देशों के खिलाफ जाने वाले लोगों को पाबंद कर रहा है। चुनाव आयोग ने बीजेपी नेता दिलीप घोष और सुप्रिया श्रीनेत को चेतावनी दी है। दोनों नेताओं से बयानों के दौरान सावधानी बरतने के लिए कहा गया है।