राजस्थान में श्री राजपूत करणी सेना के संस्थापक लोकेन्द्र सिंह कालवी का जयपुर के एस. एम. एस. अस्पताल में सोमवार देर रात निधन हो गया। कालवी का निधन हृदयाघात (कॉर्डियक अरेस्ट) के कारण हुआ बताया जा रहा है। वैसे उनका जून 2022 से लम्बे समय से अस्पताल में ब्रेन स्ट्रोक आने के कारण इलाज चल रहा था। कालवी का अंतिम संस्कार नागौर जिले के उनके पैतृक कालवी गांव मे आज (मंगलवार) 14 मार्च को दोपहर 2:15 किया जाएगा।लोकेंद्र सिंह कालवी अपने समाज के मुद्दों को लेकर कालवी पिछले डेढ़ दशक से काफी मुखर रहे हैं। भड़काऊ मुद्दे उन तक चले आते हैं या वो खुद ऐसे मुद्दों तक चले जाते हैं। वह जोधा अकबर फ़िल्म के ख़िलाफ़ अभियान चलाकर सुर्खियों में आए थे। मगर फिल्म पद्मावत मुद्दे ने उनकी सुर्खियों का फलक बड़ा कर दिया। मध्य राजस्थान के नागौर जिले के कालवी गांव में जन्मे लोकेन्द्र सिंह कालवी को यह सब विरासत में मिला है। उनके पिता कल्याण सिंह कालवी थोड़े-थोड़े वक्त के लिए राज्य और केंद्र में मंत्री रहे हैं।
सामाजिक न्याय मंच बनाया
लोकेंद्र सिंह कालवी नागौर से लोकसभा के लिए चुनाव मैदान में उतरे और हार गए। फिर 1998 में कालवी ने बीजेपी उम्मीदवार के रूप में बाड़मेर से संसद में जाने की कोशिश की पर शिकस्त मिली। कालवी ने साल 2003 में कालवी ने कुछ राजपूत नेताओं के साथ मिलकर सामाजिक न्याय मंच बनाया और ऊंची जातियों के लिए आरक्षण की मुहिम शुरू की थी।
लोकेन्द्र के पिता चंद्रशेखर सरकार में थे मंत्री
उल्लेखनीय है कि लोकेंद्र सिंह के पिता कल्याण सिंह कालवी चंद्रशेखर सरकार में मंत्री रहे थे और वह चंद्रशेखर के भरोसेमंद साथी भी थे। इसलिए अपने पिता के असमय चले जाने के बाद लोकेन्द्र सिंह कालवी को पूर्व प्रधानमंत्री के समर्थकों ने हाथोहाथ लिया। वे अजमेर के मेयो कॉलेज में पढ़े हैं। मेयो कॉलेज तालीम के लिहाज़ से पूर्व राजपरिवारों का पसंदीदा स्थान रहा है।