जोधपुर: राजस्थान में चर्चा में आए कानून मंत्री जोगाराम पटेल के पुत्र मनीष पटेल की राजस्थान हाईकोर्ट में अतिरिक्त महाधिवक्ता पद पर नियुक्ति का पटाक्षेप हो गया है। राजस्थान हाईकोर्ट के अतिरिक्त महाधिवक्ता मनीष पटेल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उनका इस्तीफा न्यायिक विभाग में स्वीकार करने की प्रक्रिया में है। मनीष पटेल ने अतिरिक्त महाधिवक्ता (AAG) नियुक्त होने के 5 महीने बाद अपना इस्तीफा दे दिया है।
‘इस्तीफे का कारण व्यक्तिगत कारणों को बताया’
एक वकीलों के वाह्ट्सएप ग्रुप में मनीष पटेल ने बताया कि उन्होंने विधानसभा के बाद जयपुर जाकर सीएम को अपना इस्तीफा दे दिया है, जो विभागीय प्रक्रिया में हैं। मनीष पटेल ने अपने इस्तीफे की घोषणा अपने वकील मित्रों के बीच इन शब्दों में की है। इस्तीफे का कारण व्यक्तिगत कारणों को बताया है। मनीष ने बताया कि वह इस पद पर कम्फर्ट महसूस नहीं कर रहे थे। इसलिए उन्होंने सीएम के पास जाकर पद से इस्तीफा दे दिया।
विदित हो कि मनीष पटेल समेत हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में 6 अतिरिक्त महाधिवक्ताओं की नियुक्ति हुई थी। मनीष पटेल की नियुक्ति को लेकर विधानसभा में 5 अगस्त को हंगामा हुआ था। अब मनीष पटेल ने पद से इस्तीफा दे दिया है।
पीएम मोदी के दौरे से पहले दिया इस्तीफा
बता दें उनके इस्तीफे को रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम भजनलाल शर्मा के दौरे से जोडकर देखा जा रहा है। जबकि मनीष पटेल के अनुसार उन्होंने बहुत पहले अपना इस्तीफा दे दिया था। कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस राजस्थान हाई कोर्ट के प्लेटिनम जुबली समापन समारोह में शामिल होने जोधपुर आ रहे हैं।
कांग्रेस ने नियुक्ति पर उठाए थे सवाल
कानून मंत्री के बेटे को अतिरिक्त महाधिवक्ता नियुक्त पर कांग्रेस ने विधानसभा में सवाल उठाए थे। कांग्रेस ने इसे राजनीतिक नियुक्ति बताते हुए हंगामा किया था। इसके चलते लाडनूं विधायक मुकेश भाकर को विधानसभा से 6 महीने के लिए निलंबित कर दिया गया था। इसके विरोध में कांग्रेस विधायकों ने रातभर विधानसभा में धरना भी दिया था।
उल्लेखनीय है कि जोगाराम पटेल जोधपुर के लूणी विधानसभा से विधायक हैं। उन्हे भजनलाल सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाकर संसदीय कार्य और कानून मंत्री का जिम्मा दिया गया है।