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Sunday, December 22, 2024

गुडा सुरसिंह गांव में आईमाता भैल रथ का ग्रामीणों ने किया बधावा

पाली : जति भगा बाबा जी पंवार बगड़ी वालों के बाद आई पंथ में जति मोती बाबा जी का बड़ा नाम रहा है जो विधायक भी रहे हैं l आई पंथ के जति मोती बाबा जी भायल को आज भी बड़े बुड्ढे याद करते हैं इन्हीं जति मोती बाबा जी का जन्म स्थल गांव है गुडा सूर सिंह। 400 घर की बस्ती गुड़ा सुर सिंह में राजपूत, सीरवी, देवासी, मेघवाल, मीणा, प्रजापत, रावणा राजपूत, वैष्णव, सुथार, ढोली, वादी, जोगी एवं हरिजन जाति के लोग निवास करते हैं यहां पर कोई समय में जैन परिवार भी थे जो अब पलायन कर चुके हैं l

इस गांव में सीरवी समाज के 70 घर है जिनमें भायल गौत्र का बाहुल्य है अन्य गोत्र में बर्फा मुलेवा सेपटा काग सैणचा, चोयल आदि भी रहते हैंl इस गांव में श्री आई माताजी के मंदिर का निर्माण 2000 में करवाकर परम पूज्य श्री माधव सिंह जी दीवान साहब के कर कमलों से प्राण प्रतिष्ठा संपन्न हुई थी। वर्तमान में इस गांव के कोटवाल तारा राम बरपा और जमादारी पेमाराम बरपा है इस समय पुजारी सुखाराम बर्फा है इस बडेर मैं सक्रिय सहयोग रता राम भायल का रहता है जिन्होंने हरित क्रांति के तहत मामा जी के ओरण में 1610 वृक्ष लगाकर पर्यावरण संरक्षण में बहुत बड़ा योगदान किया है इन वृक्षों में आपने फल फूल के साथ औषधीय पौधे भी लगाए हैं आपके बड़े भाई हेमाराम भायल अखिल भारतीय सीरवी महासभा कर्नाटक प्रांत के उपाध्यक्ष है आपके बड़े भाई पुनाराम भायल पाली जिले की राजनीति में अपना वर्चस्व रखते हैं आप इस समय वार्ड संख्या 24 जिला परिषद सदस्य हैं आप राजस्थान किसान मोर्चा के प्रदेश मंत्री रहे हैं आप राजसमंद जिला प्रभारी भी रहे हैं आपके माता श्रीमती लाली बाई भायल गुड़ा सुरसिंह पंचायत की सरपंच भी रही है।

गुडा सुरसिंह से सर्वप्रथम जीताराम सेपटा ने दक्षिण भारत में सफलता के झंडे गाड़े और आपने पोरुर बडेर के 15 वर्ष तक अध्यक्ष पद पर रहते हुए बड़े निर्माण का कार्य पूरा कराया इस समय इस गांव से बैंगलोर हैदराबाद चेन्नई सूरत पुणे तथा राणावास में हार्डवेयर किराना कपड़ा तथा ज्वेलरी मैं सीरवी बंधु व्यवसाय रत है इसी गांव के कालूराम भायल चेन्नई के मादीपक्कम बडेर में कार्यकारिणी सदस्य है नारायण लाल सेपटा पॉन ब्रोकर एसोसिएशन चेन्नई के सचिव पद पर आसीन है तथा चौलाराम भायल वर्तुल बेंगलुरु के 6 वर्ष तक अध्यक्ष रहे। नौकरी के क्षेत्र में स्वर्गीय लुंबाराम फौजी के अलावा कोई भी नौकरी में नहीं हैl अब दक्षिण भारत में प्रतिभाएं अपना भाग्य आजमा रही है जिनमें कानाराम भायल आई टी. क्षेत्र में अपनी सेवा दे रहे हैं। बडेर शानदार बनी हुई है रंग रोगन भी करवाया हुआ है युवा पीढ़ी ने इस कमी को दूर करने का जिम्मा लिया है। इस अवसर पर दीपाराम काग व महेंद्र महाराज मध्यप्रदेश ने सभा में आईमाताजी के इतिहास की जानकारी दी । इस मौके पर बाबा मंडली के खेता महाराज, राजेन्द्र पंवार,शंकर हाम्बड, गणेश पंवार आदि मौजूद रहे

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