पुलिस वैन में कैदियों की तरह भगवान गणेश की मूर्तियां देखकर हर हिंदू का मन पीड़ा से भर गया है। गणेश प्रतिमा विसर्जन जुलूस के दौरान राज्य में मांड्या जिले के नागमंगला कस्बे में हिंसा हुई थी। जुलूस के दौरान 2 समूहों के बीच झड़प हो गई, जिसके बाद भीड़ ने कई दुकानों और वाहनों को निशाना बनाया भगवान गणेश की सोशल मीडिया पर वायरल हो रही एक तस्वीर को लेकर हंगामा मच गया है, जिसमें उनकी प्रतिमा पुलिस वैन में रखी नजर आ रही है। भारतीय जनता पार्टी और विश्व हिंदू परिषद के नेता इसे लेकर हमलावर हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शनिवार को हरियाणा की चुनावी रैली में इस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस शासित कर्नाटक में तो गणपति को भी जेल में डाला जा रहा है।’ इंटरनेट यूजर्स भी इस आपत्तिजनक फोटो पर भड़के हुए हैं और इसे लेकर कार्रवाई की मांग की जा रही है।
चलिए जानते हैं कि आखिर ये पूरा मामला क्या है। गणेश प्रतिमा विसर्जन जुलूस के दौरान राज्य में मांड्या जिले के नागमंगला कस्बे में हिंसा हुई थी। जुलूस के दौरान 2 समूहों के बीच झड़प हो गई, जिसके बाद भीड़ ने कई दुकानों और वाहनों को निशाना बनाया। घटना के बाद बुधवार रात इलाके में तनाव पैदा हो गया। दक्षिणपंथी गुटों ने हमले की निंदा करते हुए और मामले में NIA जांच की मांग की। इसे लेकर उन्होंने राज्य भर में विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई। बेंगलुरु मेट्रोपॉलिटन गणेश उत्सव समिति की ओर से शहर के टाउन हॉल क्षेत्र में विरोध प्रदर्शन आयोजित किया गया। हालांकि, पुलिस ने इसकी नहीं दी थी। इसके बावजूद, व्हाट्सऐप पर मैसेज शेयर किया गया जिसमें लोगों को टाउन हॉल में इकट्ठा होने के लिए बुलाया गया। विरोध प्रदर्शन की नहीं मिली थी इजाजत
सिटी पुलिस को टाउन हॉल में लोगों के इकट्ठा होने की जानकारी मिली तो पुलिसकर्मियों को तैनात कर दिया गया। इस बीच, प्रदर्शनकारी छोटे-छोटे समूहों में पहुंचने लगे। सुबह 11.30 बजे तक करीब 20 से 30 लोग इकट्ठा हो गए और उन्होंने नारेबाजी शुरू कर दी। कुछ प्रदर्शनकारियों ने लगभग 1.55 फीट ऊंची गणेश प्रतिमा को सिर पर उठाया और नारे लगाने लगे। बिना इजाजत के एकत्र होने पर पुलिस ने उन्हें हिरासत में लेना शुरू कर दिया। ये लोग वहीं पर खड़ी पुलिस वैन की ओर ले जाए गए।
पुलिस का क्या है घटना पर पक्ष
बेंगलुरु के पुलिस कमिश्नर बी दयानंद ने न्यूज 18 को बताया, ‘पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेना शुरू कर दिया था। इस दौरान उन्हें पता चला कि भगवान गणेश की मूर्ति जमीन पर रह गई है, तो हमारे अधिकारी ने तुरंत उसे उठाया और सुरक्षित जगह पर रख दिया।’ बताया जा रहा है कि कुछ तस्वीरें सामने आई हैं जिनमें पुलिस अधिकारी मूर्ति को लेते हुए और पुलिस वैन में रखते दिख रहे हैं। इस बीच, पुलिस की गाड़ी में भगवान गणेश को देखकर फोटोग्राफरों ने तस्वीरें खींच ली जो अब वायरल हो गई हैं। हालांकि, बाद में जब प्रदर्शनकारियों को वैन में बिठाया गया तो गणेश प्रतिमा को दूसरी पुलिस जीप से ले जाया गया।
भाजपा नेताओं ने कांग्रेस सरकार को घेरा
गणपति बप्पा के मूर्ति विवाद पर बीजेपी नेता हमलावर हैं। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा, ‘ये काफी दुर्भाग्यपूर्ण है। गणपति उत्सव को रोककर मूर्ति भी जब्त कर ली गई। महाराष्ट्र और पूरे देश के लोग कांग्रेस सरकार को करारा जवाब दिए बिना नहीं बैठेंगे।’ भाजपा नेता बीएल संतोष ने एक्स पर लिखा, ‘पुलिस वैन में गणपति जी की मूर्ति की तस्वीर और कार्यक्रम के आयोजकों को आरोपी के रूप में दिखाने वाली FIR देशभर में कांग्रेस को परेशान करेगी। खास तौर से कर्नाटक में जहां सिद्दारमैया के नेतृत्व वाली राज्य सरकार वामपंथी उदारवादियों की मर्जी पर चलती है।’
बेंगलुरु पुलिस ने कथित तौर पर बिना अनुमति के टाउन हॉल इलाके में प्रदर्शन करने के लिए 40 हिंदुओं को गिरफ्तार किया। यह विरोध प्रदर्शन बेंगलुरु महानगर गणेश उत्सव समिति द्वारा आयोजित किया गया था। गिरफ्तारी के बाद, मौके पर तैनात पुलिस ने हिंदू प्रदर्शनकारियों से भगवान गणेश की मूर्ति छीन ली और उसे पुलिस बैन में रख लिया। उस समय, प्रदर्शन को कवर कर रहे फोटोग्राफरों ने हिंदू देवता को बेंगलुरु पुलिस द्वारा ‘गिरफ्तार’ किए जाने की तस्वीरें क्लिक कीं।
बेंगलुरु दक्षिण से सांसद तेजस्वी सूर्या ने स्थानीय पुलिस और कांग्रेस के नेतृत्व वाली कर्नाटक सरकार पर हिंदू भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाते हुए एक्स (पूर्व में ट्विटर) का सहारा लिया। उन्होंने ट्वीट किया, “पुलिस वाहन में भगवान गणेश की यह तस्वीर भयावह है। कांग्रेस हमारे देवी-देवताओं का अपमान करने और लाखों हिंदुओं की आस्था और विश्वास को कमतर आंकने पर क्यों तुली हुई है?”