KARNATAKA BANDH: कर्नाटक और तमिलनाडु के बीच कई वर्षों से चला आ रहा कावेरी नदी जल विवाद एक बार फिर से गरमा चुका है। बीते दिनों कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण ने कर्नाटक सरकार को आदेश दिया था कि वह अगले 15 दिनों तक तमिलनाडु को 5 हजार क्यूसेक पानी छोड़े। कर्नाटक सरकार इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गई थी लेकिन यहां भी उसे निराशा हाथ लगी। इसके बाद कर्नाटक में बड़े स्तर पर प्रदर्शन शुरू हो गया है।
आज कर्नाटक बंद
तमिलनाडु को कावेरी का पानी दिए जाने के खिलाफ कन्नडा ओकुट्टा ने आज शुक्रवार को कर्नाटक बंद का आह्वान किया है। इस बंद का असर पूरे राज्य में देखा जा रहा है। कर्नाटक के करीब 1900 से ज्यादा छोटे बड़े संगठनों ने इस बंद को समर्थन दिया है। कन्नडा ओकुट्टा ने इस बंद के लिए ट्रांसपोर्ट यूनियनों, फिल्म चैंबर, मॉल मालिकों और स्कूल और कॉलेज यूनियनों से भी समर्थन मांगा था।
स्कूल-कॉलेज बंद
कावेरी नदी के पानी को लेकर कर्नाटक और तमिलनाडु के बीच जारी विवाद में प्राइवेट कैब्स एसोसियेशन, रेस्टोरेंट एंड होटल एसोसियेशन, BMTC यूनियन, सरकारी कर्मचारी संगठन, फिल्म चेबर्स सहित तमाम किसान और प्रो कन्नडा संगठनों ने शुक्रवार के इस बंद का समर्थन किया है। इसके चलते बंद का असर भी दिखने लगा है। राज्य भर के स्कूल-कॉलेज में आज अवकाश की घोषणा की गई है।
कौन है कन्नडा ओकुट्टा?
कन्नडा ओकुट्टा को कन्नड़ अधिकारों की लड़ाई के लिए जाना जाता है। ये एक प्रकार से कर्नाटक के विभिन्न संगठनों के लिए अम्ब्रेला संगठन के रूप में काम करता है। कर्नाटक में इसे बेहद ही बड़ा और प्रभावशाली गुट माना जाता है। इसमें प्रदेशभर के लगभग 90 संगठन आते हैं।
नेलमंगला मे भी
नेलमंगला मे भी कनाडा रक्षण वैदिक संगठन और मारवाड़ी संगठन समाज ने तमिलनाडु को कावेरी नदी का पानी नहीं छोड़ना विरोध प्रदर्शन किया और कम बरसात होने के कारण किसानों को खडी फसलों शुक रही और पीने के लिए पानी नहीं है नेमाराम सेंणचा ने बताया कि ईसी विरोध में सभी व्यापारियों ने अपने अपने दुकान बंद कर समर्थन दिया है।
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