Saturday, July 27, 2024
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Code of Conduct: आदर्श आचार संहिता लगने के बाद नहीं हो सकते ये काम, राजनीतिक दलों पर लग जाते हैं ये प्रतिबंध

देश के पांच राज्यों- राजस्थान मध्य प्रदेश मिजोरम तेलंगाना और छत्तीसगढ़ में साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इस राज्यों की चुनावी तारिखों का ऐलान करने के लिए चुनाव आयोग आज दोपहर प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाली है। इसके बाद से ही पांचों चुनावी राज्यों में आदर्श आचार संहिता लागू हो जाएगी जिसका पालन करना सभी राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के लिए अनिवार्य होगा।

ऑनलाइन डेस्क, नई दिल्ली। देश के पांच राज्यों में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने के पूरे आसार है। इन चुनावी राज्यों में राजस्थान, मध्य प्रदेश, मिजोरम, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ शामिल हैं। दरअसल, आज दोपहर 12 बजे चुनाव आयोग एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगी, जिसमें वह इन राज्यों के चुनावी तारीखों की घोषणा करेगी।

फिलहाल, इन सभी चुनावी राज्यों में उथल-पुथल मची हुई है। सभी पार्टियां अपने वोट बैंक को मजबूत करने की कोशिश में जुटी है और लगातार घोषणाएं कर रही है। चुनाव आयोग द्वारा सभी राज्यों के चुनावी तारीखों के ऐलान होने के बाद से ही ‘मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट’ यानी ‘आचार संहिता’ लागू हो जाएगी, जिसके बाद कुछ बदलाव देखने को मिलेगा। हालांकि, बहुत ही कम लोगों को इस बात की जानकारी होगी कि आखिर चुनाव आचार संहिता क्या है।

इस खबर में हम आपको बताएंगे कि चुनावी आचार संहिता को कब और क्यों लागू किया जाता है। साथ ही बताएंगे कि आचार संहिता लागू होने के बाद पार्टियों को किन बातों का खास ख्याल रखना होता है और इसका उल्लंघन करने वालों को क्या खामियाजा भुगतना पड़ता है।

सवाल 3: आचार संहिता के दौरान कौन से काम रुक जाते हैं और कौन से चालू रहते हैं?
जवाबः आदर्श आचार संहिता की वजह से इन कामों पर रोक लग जाती है…

  • चुनाव कार्यों से जुड़े किसी भी अधिकारी को किसी भी नेता या मंत्री से उसकी निजी यात्रा या आवास में मिलने की मनाही होती है। ऐसा करने पर उसके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है।
  • सरकारी खर्चे पर किसी नेता के आवास पर इफ्तार पार्टी या अन्य पार्टियों का आयोजन नहीं कराया जा सकता है। हालांकि अपने खर्च पर वो ये कार्यक्रम कर सकते हैं।
  • सरकारी पैसे से पार्टी या सरकार के काम का प्रचार-प्रसार करने के लिए विज्ञापन चलाने पर भी रोक होती है।
  • पार्टियों की उपलब्धियां और वादे बताने वाले पोस्टर और होर्डिंग हटा दिए जाते हैं। इसके साथ ही पार्टियां अखबारों और टीवी में भी किसी प्रकार के विज्ञापन नहीं चलवा सकती।
  • जिस योजना को हरी झंडी मिली है, लेकिन जमीनी स्तर पर काम शुरू नहीं हुआ हो तो आचार संहिता लागू होने के बाद उस योजना पर काम स्टार्ट नहीं किया जा सकता है।
  • विधायक, सांसद या विधान परिषद के सदस्य आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद लोकल एरिया डेवलपमेंट फंड से नई राशि जारी नहीं कर सकते हैं।
  • आदर्श आचार संहिता लगने के बाद पेंशन फॉर्म जमा नहीं हो सकते और नए राशन कार्ड भी नहीं बनाए जा सकते। हथियार रखने के लिए नया आर्म्स लाइसेंस नहीं बनेगा। BPL के पीले कार्ड नहीं बनाए जाएंगे।
  • कोई भी नया सरकारी काम शुरू नहीं होगा। किसी नए काम के लिए टेंडर भी जारी नहीं होंगे। किसी नए काम की घोषणा नहीं होगी।
  • इस दौरान बड़ी बिल्डिंगों को क्लियरेंस नहीं दी जाती है।
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