बेंगलुरु में चल रही विपक्षी दलों की बैठक का आज दूसरा दिन है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बताया कि विपक्षी दलों के नए गठबंधन का नाम INDIA (Indian National Developmental Inclusive Alliance) होगा ।
देश का पूरा का पूरा धन चंद लोगों के हाथ में है। लड़ाई एनडीए और इंडिया के बीच है। इंडिया और नरेंद्र मोदी के बीच है। लड़ाई भाजपा की विचारधारा के खिलाफ है। हम एक साथ लड़ाई लड़ेंगे। राहुल गांधी ने यह बातें संयुक्त विपक्ष की बैठक के बाद प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कहीं। राहुल गांधी ने कहा कि आज बहुत सार्थक काम हुआ है। इसके साथ ही उन्होंने गठबंधन का नाम इंडिया रखने के पीछे की वजह भी बताई।
लड़ाई विपक्ष और भाजपा की नहीं
राहुल गांधी ने कहा कि यह लड़ाई विपक्ष और भाजपा के बीच नहीं है। देश की आवाज़ को कुचला जा रहा है, यह लड़ाई देश के लिए है इसलिए इंडियन नेशनल डेवेलपमेंटल इंक्लूसिव एलायंस (INDIA) नाम चुना गया। नरेंद्र मोदी और इंडिया के बीच लड़ाई है। उनकी विचारधारा और इंडिया के बीच की लड़ाई है। उन्होंने कहा कि हमने निर्णय लिया है कि हम एक एक्शन प्लान तैयार करेंगे और एक साथ मिलकर देश में हमारी विचारधारा और हम जो करने जा रहे हैं उसके बारे में बोलेंगे।
आखिर कैसे पड़ा INDIA नाम
विपक्ष के 26 दलों की बैठक के बाद राहुल गांधी ने यहां संवाददाताओं से कहा कि जब हम चर्चा कर रहे थे, तो हमने खुद से ये सवाल पूछा कि लड़ाई किसके बीच है। यह लड़ाई विपक्ष और भाजपा के बीच नहीं है। देश की आवाज को दबाया और कुचला जा रहा है। यह देश की आवाज के लिए लड़ाई है। इसीलिए यह ‘इंडिया’ नाम चुना गया। उन्होंने यह भी कहा कि जब भी कोई हिंदुस्तान के सामने खड़ा होता है, तो जीत किसकी होती है यह बताने की जरूरत नहीं है।
प्रधानमंत्री पद में कोई दिलचस्पी नहीं- कांग्रेस
लोकसभा चुनाव से पहले रणनीति पर चर्चा करने के लिए हो रही 26 विपक्षी दलों की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुग खड़गे ने कहा कि कांग्रेस की सत्ता या प्रधानमंत्री पद में कोई दिलचस्पी नहीं है। खड़गे ने कहा, ‘इस बैठक में हमारी मंशा अपने लिए सत्ता हासिल करने की नहीं है। हमारा इरादा हमारे संविधान, लोकतंत्र, धर्मनिरेपक्षता और सामाजिक न्याय की रक्षा करना है।
बता दें 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर हो रही इस बैठक में ममता बनर्जी, नीतीश कुमार, अरविंद केजरीवाल, भगवंत मान, हेमंत सोरेन और MK स्टालिन जैसे मुख्यमंत्री भी हिस्सा ले रहे हैं। इनके अलावा सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, लालू प्रसाद यादव और शरद पवार जैसे दिग्गज नेता भी बेंगलुरु पहुंचे हैं।
कौन-कौन सी पार्टियां हुईं शामिल
कुल 26 दलों के नेता बेंगलुरु में चले रहे इस महामंथन में शामिल हुए हैं। इनमें कांग्रेस, TMC, शिवसेना (उद्धव गुट), NCP (शरद पवार गुट), CPI, CPI(M), JDU, DMK, आम आदमी पार्टी, झारखंड मुक्ति मोर्चा, RJD, समाजवादी पार्टी, नेशनल कॉन्फ्रेंस, PDP, RLD, सीपीआई (ML), इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, केरल कांग्रेस (M), मनीथानेया मक्कल काची (MMK), एमडीएमके, वीसीके, आरएसपी, केरला कांग्रेस, केएमडीके, एआईएफबी, अपना दल कमेरावादी शामिल हैं।
दिल्ली में आज NDA की मीटिंग, PM करेंगे अध्यक्षता
वहीं दिल्ली में आज NDA की मीटिंग की अध्यक्षता खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। इस मीटिंग में 38 पार्टियां हिस्सा ले रही हैं। लेकिन इनमें 13 पार्टियां ऐसी हैं, जिनके लोकसभा में एक भी सांसद नहीं हैं। ये सभी नेता इससे पहले गृह मंत्री Amit Shah से भी मिल चुके थे।
एनडीए की इस बैठक में चिराग पासवान के नेतृत्व वाली लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), ओपी राजभर के नेतृत्व वाली सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) समेत कई नए सहयोगी दल शामिल हुए। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) गुट, उपेंद्र कुशवाहा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय लोक जनता दल (आरएलजेडी) और पवन कल्याण के नेतृत्व वाली जन सेना के नेता भी इस बैठक में शामिल हुए।
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