राजस्थान में दिखा यूपी जैसा नजारा! पहली बार मर्डर केस में आरोपी के घर पर प्रशासन ने चलाया बुलडोजर

राजस्थान में दिखा यूपी जैसा नजारा! पहली बार मर्डर केस में आरोपी के घर पर प्रशासन ने चलाया बुलडोजर
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जोधपुर। Rajasthan News: राजस्थान में सरकार बनते ही मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा अपराधियों के खिलाफ एक्शन मोड में नजर आ रहे हैं। एक तरफ राजस्थान पुलिस कुख्यात बदमाशों की लिस्ट तैयार करने में जुटी है, तो वहीं दूसरी और अपराधियों के ठिकानों पर बुलडोजर कार्रवाई की जा रही है। गुरुवार को भी जोधपुर के बिलाड़ा कस्बे में स्थित लाम्बा गांव में ऐसी ही एक कार्रवाई की गई है, जिसमें प्रशासन ने हत्या के आरोपी के घर पर बुलडोजर चलावाया है। बताया जा रहा है कि अनिल बिश्नोई के मकान का कुछ हिस्सा सड़क पर था जो PWD द्वारा चिन्हित किया गया था। अनिल के परिवार का किसी जमीन पर कब्जा पर थी जिसे लेकर गांव के लोगों ने शिकायत भी दर्ज करवाई थी।

जोधपुर में संभवत: यह पहली कार्रवाई…

राजस्थान के जोधपुर में संभवत: यह पहली कार्रवाई है, जिसमें हत्या के आरोपी के घर पर प्रशासन ने बुलडोजर चलाया है। इससे पहले एनडीपीएस एक्ट में आरोपी का मकान तोड़ा गया था। बता दें कि जोधपुर के लांबा गांव निवासी आरोपी अनिल विश्नोई का मकान गोचर भूमि पर बना हुआ है। इसको लेकर ग्रामीणों ने प्रशासन को शिकायत दी थी। प्रशासन की ओर से अतिक्रमण हटाने को लेकर नोटिस भी दिया गया था। जिसके बाद गुरुवार को आरोपी अनिल बिश्नोई के मकान पर प्रशासन की ओर से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की।

क्या है पूरा मामला…

बता दें कि जोधपुर के निकटवर्ती बिलाड़ा थाना क्षेत्र के लांबा गांव में 23 दिसंबर को आरोपी दो युवक अनिल विश्नोई और साहिल चोरी करने की नीयत से अंजली देवी उर्फ अंजू (25) विवाहिता के घर में घुसे थे। दोनों आरोपी उनके पड़ोस में ही रहता है। अनिल और साहिल ईमित्र का काम करते हैं। इसके चलते गांव के सभी लोगों को जानते हैं। गांव के लोग पेंशन और योजनाओं के आवेदन और फॉर्म भरने के लिए उनके पास आते रहते हैं।

वारदात वाले दिन आरोपी अनिल विश्नोई ने मृतक अंजू की सास सम्मो देवी को कॉल करा था और उन्हें पेंशन के लिए अपना आधार कार्ड कार्ड लाने को कहा। सम्मों देवी ने उसे कहा कि घर पर कोई नहीं है, सुबह बात करेगी। इससे दोनों आरोपियों को लगा कि घर में कोई नहीं है और चोरी की जा सकती है। इस पर दोनों चोरी के लिए पहुंचे। शनिवार रात दस बजे अनिल और साहिल घर में चोरी करने घुसे।

अनिल को यह अंदाजा था कि सभी घरवाले शादी में गए हैं। उसे यह पता नहीं था कि अंजू घर में होगी, क्योंकि घर के बाहर ताला लगा था। इस पर शनिवार रात करीब 10 बजे अनिल और साहिल ने ताला तोड़ा तो अंजू (25) जाग गई। उसने अनिल को पहचान लिया और कहा कि अनिल ताला क्यों तोड़ा, तो वह घबरा गया। पोल खुलने के डर से दोनों ने चाकू से अंजू का गला रेत दिया। वहीं अंजू की भतीजी कुसुम (12) ने आरोपियों को चाची की हत्या करते देख लिया और छत पर चढ़कर बचाने के लिए आवाज लगाने लगी। आरोपी छत से कुसुम को पकड़ कर लाए और चाकू से गले पर वार किए। अंजू की 1 साल की बेटी पर भी चाकू से हमला किया। इसके बाद आरोपी फरार हो गए।

पुलिस ने अगले दिन सुबह दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। घटना के बाद से ही ग्रामीणों में आक्रोश था। इसको लेकर ग्रामीणों ने कुछ दिनों पहले ही एसडीएम को ज्ञापन दिया था। जिसमें बताया गया था कि अतिक्रमण करके आरोपी ने अपना घर बनाया है। ऐसे में प्रशासन की ओर से आवश्यक कार्रवाई करते हुए गुरुवार को अतिक्रमण हटाने का फैसला किया गया। इसको लेकर एसडीएम ने पुलिस उपाधीक्षक से पुलिस जाब्ता उपलब्ध करवाने के आदेश दिए।

15 साल से सरकारी रास्ते पर अतिक्रमण…

जोधपुर ग्रामीण एसपी धर्मेन्द्र सिंह यादव ने बताया कि गांव की सरकारी रास्ते की भूमि पर 15 साल से अधिक समय से आरोपी अनिल उसके परिवार अतिक्रमण कर रह रहा था। इसको लेकर ग्रामीणों ने एसडीएम को शिकायत दी थी। इसके बाद प्रशासन की और से अतिक्रमण हटाने को लेकर आरोपी के घर का मौका मुआयना किया गया। जिसमें उसका घर अवैध जगह पर बना हुआ पाया गया। इसके बाद शुक्रवार को तहसीलदार की ओर से जारी किए गए नोटिस को मकान और बाड़े पर चश्पा किया गया था।

PWD के खाते में दर्ज रास्ता

आरोपी का घर राजस्व ग्राम लंबा तहसील बिलाडा की राजस्व सीमा में स्थित खसरा संख्या 1067 रकबा 4.2311 हेक्टेयर गैर मुमकिन रास्ते पर था। यह रास्ता पीडब्ल्यूडी के खाते में दर्ज हैं। यहां पर आरोपी अनिल बिश्नोई के पिता रामस्वरूप की ओर से रीवा से मकान और पशुओं का बड़ा बनाकर अतिक्रमण कर दिया गया था इसकी वजह से रास्ता भी संकरा हो चुका था।

दबंगई और दादागिरी करने वालों को नहीं जाएगा बक्शा…

मामले को लेकर ग्रामीण एसपी धर्मेंद्र सिंह यादव ने बताया कि 23 दिसंबर को हुई घटना के आरोपी अनिल के घर को अतिक्रमण में चिन्हित किया था, जिसे पुलिस के सहयोग से हटवाया गया। इसका सीधा संदेश यही है कि समाज में दबंगई और दादागिरी करने वालों को बक्शा नहीं जाएगा। ऐसे असामाजिक तत्वों को चिन्हित कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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