-2 C
Innichen
Friday, December 13, 2024

राईका बाग रेलवे स्टेशन का नाम सुधार करने की मांग को लेकर देवासी समाज का विरोध

पहचान बचाने को जोधपुर पहुंचे हजारों राईका समाज बंधु

मोबाइल न्यूज़/ जोधपुर: राईका समाज सोमवार को प्रशासन की लापरवाही से अपने नाम की खोई पहचान को वापस कायम करने के लिये सडक़ों पर उतरा। राईका समाज का आरोप है कि राईका बाग रेलवे स्टेशन जो कि उनके समाज के आसूराम राईका के कारण मिला नाम था लेकिन वर्तमान सरकार ने राईका बाग रेलवे स्टेशन का नाम राई का बाग कर दिया। आज समाज के हजारों लोगों ने मेडिकल कालेज चौराहे पर महात्मा गांधी की मूर्ति के पास इक्कठा होकर रैली निकाल कर अपनी पीड़ा आमजन और सरकार तक पहुंचाने का काम किया। समय रहते सरकार नहीं चेती तो वो अहिंसा का मार्ग भी त्यागने को मजबूर हो सकते है। राई का बाग रेलवे स्टेशन का नाम सुधारने की मांग को लेकर हजारों की संख्या में देवासी समाज के लोग सड़कों पर उतर आए है। और राज्य व केंद्रीय सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे है।

दो साल से आंदोलनरत समाज के लोग :

राईका बाग रेलवे स्टेशन का नाम बदलने के बाद से ही करीब दो साल से राईका समाज आंदोलनरत है लेकिन न तो जिला प्रशासन, रेलवे प्रशासन और राज्य सरकार तथा केन्द्रीय सरकार इस समाज की कोई सुनवाई कर रही है। समाज के वीर रिडमल राईका इतिहास एवं संस्कृति संरक्षण संस्था के सचिव सुखाराम, कर्पूराराम और लालसिंह ने राईका ने बताया कि अब समाज पत्र व्यवहार करने की बजाए आंदोलन की राह अपनायेगा जिससे की गूंगी बहरी सरकार इतिहास के साथ हो रहे इस खिलवाड़ पर जागक र अपनी गलती को सुधार करेगी।

आसूराम राईका को सम्मानित किया गया था :

राईका समाज के नेताओं ने कहा कि राजकालीन व्यवस्था के दौरान आसूराम राईका की सेवा भावना के कारण उसको उक्त जमीन देकर सम्मानित किया था। बाद में उक्त स्थान जसवंतसिंह की रानी ने जमीन पसंद आने पर आसूराम राईका से जमीन ली और उस पर बनाये बाग का नाम राईकाबाग रखा। बरसों से चल रही परम्परा को कुछ साल पहले न जाने किसी के इशारे पर या मानवीय भूल से राईका बाग रेलवे स्टेशन जंक्शन की बजाये राई का बाग स्टेशन कर दिया जबकि टिकट और रेलवे की आन लाइन पर अभी भी राईकाबाग जंक्शन शो किया जा रहा है।

वहीं आंदोलन समिति के अध्यक्ष कपूर राईका ने जानकारी दी कि हमारे समाज के 80 फीसदी से अधिक लोग भाजपा का समर्थन करते हैं लेकिन दुर्भाग्य है कि हमारी ही अब सुनवाई नहीं हो रही है। समाज के लोगों ने कहा कि हम हम आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे। बता दें कि राईका बाग पैलेस का निर्माण सन् 1663-64 में महाराजा जसवंत सिंह प्रथम की हाडी रानी ‘जसरंग दे’ ने करवाया था जिसके बाद रेलवे ने इस स्टेशन का नाम राईका बाग पैलेस जंक्शन रखा था। अब समाज का दावा है कि रेलवे की ओर से धीरे-धीरे इस नाम को राई का बाग कर दिया गया।

राई का बाग को राईका बाग बनाने की मांग को लेकर पूरे प्रदेश से हजारों राईका समाजबंधुओं ने आज अपने परम्परागत वेशभूषा में शामिल होकर अपना प्रदर्शन इस रैली में शक्ति प्रदर्शन किया।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles