ज्ञानवापी के सर्वे से रोक हटाने का उच्च न्यायालय ने आज सुबह ही आदेश दिया था। इसके बाद अब यह मसला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है। मुस्लिम पक्ष ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है, जिस पर शुक्रवार को सुनवाई होगी। मुस्लिम पक्ष की अपील के बाद शायद अब कल सर्वे शुरू नहीं हो पाएगा। इससे पहले उच्च न्यायालय के आदेश के बाद डीएम ने कहा था कि शुक्रवार से सर्वे की कार्रवाई शुरू होगी। सूत्रों का कहना है कि एएसआई आज ही सर्वे शुरू कर सकता है। जिला कोर्ट ने 4 अगस्त तक सर्वे की रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया था। उधर मुस्लिम पक्ष हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील दाखिल करेगा।
हिंदू पक्ष दाखिल करेगा कैविएट
हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद मुस्लिम पक्ष की ओर से बयान आया है इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाएगी। इसे लेकर हिंदू पक्ष ने पहले ही सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी कर ली है। सूत्रों का कहना है कि आज हिंदू पक्ष की ओर से सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल की जाएगी। अगर मुस्लिम पक्ष हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देता है तो हिंदू पक्ष की कोशिश है कि उसका पक्ष सुने बिना सुप्रीम कोर्ट कोई आदेश ना सुनाए।
हाईकोर्ट ने क्या दिया फैसला?
हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें ज्ञानवापी परिसर में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के सर्वे पर रोक की मांग की गई थी। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि न्याय के लिए यह जरूरी है। इस सर्वे से किसी को नुकसान नहीं है। जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर की सिंगल बेंच ने कहा कि कुछ शर्तों के साथ इसे लागू करने की जरूरत है। ज्ञानवापी का सर्वे किया जाए लेकिन खुदाई की इजाजत नहीं होगी।
सुप्रीम कोर्ट जाने पर होगा विचार- फिरंगी महली
हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद AIMPLB सदस्य मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि हमें उम्मीद है कि न्याय होगा क्योंकि यह मस्जिद करीब 600 साल पुरानी है। उन्होंने कहा कि मुसलमान पिछले 600 सालों से वहां नमाज अदा करते आ रहे हैं। फिरंगी महली ने कहा कि हम भी चाहते हैं कि देश के सभी पूजा स्थलों पर प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट लागू हो। मुस्लिम पक्ष इस आदेश को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट जाने पर विचार करेगा।
ASI सर्वे में क्या-क्या होगा
एएसआई की ओर से ज्ञानवापी परिसर का सर्वे किया जाएगा लेकिन कोर्ट ने उसे खुदाई की इजाजत नहीं दी है। एएसआई वजूखाने का सर्वे नहीं करेगी। इसे सुप्रीम कोर्ट के आदेश के सील किया गया है। हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन के मुताबिक इस सर्वे में ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार और मॉडर्न टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होगा।
क्या है ज्ञानवापी विवाद का पूरा मामला?
बता दें कि अगस्त 2021 में पांच महिलाओं ने वाराणसी के सिविल जज (सीनियर डिविजन) के सामने एक वाद दायर किया था। अपनी याचिका में उन्होंने ज्ञानवापी मस्जिद के बगल में बने श्रृंगार गौरी मंदिर में रोजाना पूजा और दर्शन करने की अनुमति देने की मांग की थी। इसी मामले को लेकर जज रवि कुमार दिवाकर के आदेश के बाद ज्ञानवापी परिसर पर एडवोकेट सर्वे किया गया था। पिछले साल मई में हुए सर्वे के दौरान यहां हिंदू पक्ष की ओर से शिवलिंग मिलने का दावा किया गया था। हालांकि मुस्लिम पक्ष की ओर से इसे फव्वारा बताया जा रहा है। हिंदू पक्ष ने शिवलिंग की कार्बन डेटिंग कराने की मांग की है। फिलहाल यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है।
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